जड़ों से कमज़ोर जुड़ाव के दुष्परिणाम

कांग्रेस पार्टी जो चर्च द्वारा समर्थित और कम्युनिस्टों के अभारतीय विचारों से प्रभावित है ऐसा लगता है, के कुछ नेता, जब अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थों के लिए भारत की अस्मिता पर ही आघात करने वाले वक्तव्य देते हैं, तो आश्चर्य कम, लेकिन पीड़ा होती है। ये नेता उच्च विद्या...

मुस्लिम ब्रधरहुड विवेकानंद का विश्वबंधुत्व नहीं

कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ के साथ करने पर संघ से परिचित और राष्ट्रीय विचार के लोगों आश्चर्य होना स्वाभाविक है। भारत के वामपंथी, माओवादी और क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथ...

प्रणबदा के साथ संघ विरोधियों को भी धन्यवाद

धन्यवाद डॉ. प्रणबदा अपने ही लोगों के तीव्र विरोध के बाद भी पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर प्रणब मुखर्जी संघ के कार्यक्रम में नागपुर आए और पूर्ण सहभागी हुए इस लिए उनका विशेष अभिनंदन एवं धन्यवाद।वह डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार के घर भी गए और वहाँ अपना भाव एकदम स्पष्ट शब्दों...

वैचारिक आदान-प्रदान का बेजा विरोध करने वालों की वैचारिक संकीर्णता हो रही है स्पष्ट

सेवक संघ के नागपुर में चल रहे तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण वर्ग के समापन में मुख्य अतिथि के नाते आने के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी ने स्वीकृति दी है। इससे देश के राजनैतिक गलियारों में भारी हलचल की स्थिति देखने में आई। डॉ. मुखर्जी एक अनुभवी और परिपक्व...

गुरू रविंद्रनाथ ने कहा था ‘हमें सबसे पहले हम जो हैं वह बनना पड़ेगा’, जानें- कोरोना काल में इसके मायने

कोरोना काल हो या विश्व संकट की कोई भी घड़ी, भारत ने कभी भी केवल अपने बारे में नहीं सोचा। अपने साथ-साथ विश्व कल्याण की बात ही भारत ने हमेशा सोची है. “आत्मनो मोक्षार्थम् जगत् हिताय च” यही भारत का विचार और आचरण रहा है। अपने “स्वदेशी समाज” नामक निबंध में गुरुवर्य...

‘वयं राष्ट्रांगभूता’ का दर्शन

महामारी के इस दौर में संघ के स्वयंसेवकों और अन्य कोरोना योद्धाओं ने यह देश हमारा है, यह समाज अपना है, इन सब भावों के साथ जरूरतमंदों की मदद की। इन लोगों ने अपनी चिंता छोड़ दिन-रात पीड़ितों की सेवा करके ‘वयं राष्ट्रांगभूता’ के भाव का ही दर्शन कराया है भारत के साथ पूरी...