बिखरे भावों को शब्द
शब्द को गीत
गीत को लय दें
आओ कोलाहल को स्वर दें.
वर्षा के जल को प्रवाह
प्रवाह को दिशा
नदी को भागीरथ तट दें
आओ कोलाहल को स्वर दें.
संशय भरे अनिश्चय को निष्ठा
निष्ठा को विश्वास
विश्वास को संकल्पित मन दे
आओ कोलाहल को स्वर दें.
भटके लोगों को राह
राह को ध्येय
ध्येय तक बढते पग दें
आओ कोलाहल को स्वर दें.